1.
झुकी निगाहों का सलाम बड़ा प्यारा था
वो तेरा एहतराम बड़ा प्यारा था
इश्क में पढ़ा तेरा वो एक कलाम
मेरे हर एक कलाम से प्यारा था
उस पल का जो गुजरना था
जिंदगी का थोडा थम जाना था
अब याद कभी जब आती है
बस आखें नम हो जाती है
2.
जिंदगी अब तुम मेरा और इम्तिहाँ मत ले
झूठे शान के भरम का, यूँ ही तुम जाँ मत ले
ज़रा रहम तो कर ऐ मेरे मौला मुझ पर
कुछ तो मेरे पिन्दार-ए-शाँ का भरम रहने दे........
झुकी निगाहों का सलाम बड़ा प्यारा था
वो तेरा एहतराम बड़ा प्यारा था
इश्क में पढ़ा तेरा वो एक कलाम
मेरे हर एक कलाम से प्यारा था
उस पल का जो गुजरना था
जिंदगी का थोडा थम जाना था
अब याद कभी जब आती है
बस आखें नम हो जाती है
2.
जिंदगी अब तुम मेरा और इम्तिहाँ मत ले
झूठे शान के भरम का, यूँ ही तुम जाँ मत ले
ज़रा रहम तो कर ऐ मेरे मौला मुझ पर
कुछ तो मेरे पिन्दार-ए-शाँ का भरम रहने दे........