नींद पूरी हो चुकी है मगर ख़्वाब अभी बाक़ी है
कि मौत के बाद का कुछ हिसाब अभी बाक़ी है
दिल धड़कने का कुछ सबब तो चाहिए ही हुज़ूर
कि साँसों में थोड़ी सी जान जनाब अभी बाक़ी है
दिल का हर मामला ख़ुद से एक जंग है ख़ुद का
ख़ुद से ख़ुद का आख़िरी आदाब अभी बाक़ी है
दिन ढल गया रात निकल आई चाँद उग आया
फिर भी आसमाँ में वो आफ़ताब अभी बाक़ी है
हाथ भी थाम कर रखा फ़ासला भी बनाये रखा
होश में हैं मगर आँखों में शराब अभी बाक़ी है
शक्ल को न तो ज़माना पढ़ पाया न ही आईना
कि चेहरे पर 'धरम' और हिजाब अभी बाक़ी है