1.
हम वो हैं जो कलम से अपने हाथ की लकीर लिखते हैं
बड़े अदब से "धरम" हम अपने नाम में फ़क़ीर लिखते हैं
2.
आज बरक्कत मिली तो हर किसी से कद तुम्हारा ऊँचा हो गया
वक़्त का खेल देखो "धरम" हर कोई तेरी नज़र से नीचे हो गया
3.
तेरे आने से ग़र कहर ही न बरपा "धरम" तो तेरा क्या आना हुआ
हुस्न की तपिश से ग़र खुर्शीद न जले तो हुस्न का मर जाना हुआ
4.
ग़र यही तेरा फैसला हो तो ज़माने को इसकी खबर हो जाए
ख़ुदा करे मुझपर "धरम" तेरे हरेक बद-दुआ का असर हो जाए
हम वो हैं जो कलम से अपने हाथ की लकीर लिखते हैं
बड़े अदब से "धरम" हम अपने नाम में फ़क़ीर लिखते हैं
2.
आज बरक्कत मिली तो हर किसी से कद तुम्हारा ऊँचा हो गया
वक़्त का खेल देखो "धरम" हर कोई तेरी नज़र से नीचे हो गया
3.
तेरे आने से ग़र कहर ही न बरपा "धरम" तो तेरा क्या आना हुआ
हुस्न की तपिश से ग़र खुर्शीद न जले तो हुस्न का मर जाना हुआ
4.
ग़र यही तेरा फैसला हो तो ज़माने को इसकी खबर हो जाए
ख़ुदा करे मुझपर "धरम" तेरे हरेक बद-दुआ का असर हो जाए