Tuesday 16 March 2021

अपनी नीयत देख लेना

हाल-ए-दिल सुनाने से पहले अपनी नीयत देख लेना 
बाजार में उतरने  से पहले  अपनी कीमत देख लेना 

आईना एक चेहरे में सिर्फ एक ही चेहरा दिखाता है 
तुम ख़ुद से अपनी आँखों में  अपनी सूरत देख लेना 

आसाँ नहीं खज़ाना-ए-ग़म-ए-ज़िंदगी महफूज़ रखना 
किस सख़्श पे  लुटानी है  कौन सी  दौलत देख लेना 

क्या बरपा था उस शाम  मुझे कुछ भी तो  याद नहीं 
वक़्त का बस तकाज़ा था  तुम मेरी   तुर्बत देख लेना 

ख़ुद से भी  अहद-ए-रु-ब-रु  करने  से पहले "धरम" 
ज़िंदगी से  ख़ुद के लिए  पाई हुई मोहलत देख लेना