Monday 25 August 2014

चंद शेर

1.
ज़ुस्तजू किसकी थी मुक़ाम क्या हासिल हुआ
जो ढल गई जवानी तो सोहरत भी चली गई

2.
अब कहाँ है दिल का सुकूँ और कहाँ है चैन की रातें
हर ओर उबल रहें है लोग अब नहीं है प्यार की बातें

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