मुझसे बहुत दूर वहां
आसमाँ झुककर ज़मीं को चूम रहा है
कितना छद्म है यह मिलन
जैसे कि
समंदर के दो किनारो का मिलन
दो विपरीत विचारधाराओं का मिलन
मगर हाँ
आसमाँ का ज़मीं से मिलन
सुखद भी है और
दूर से दीखता भी है
आसमाँ झुककर ज़मीं को चूम रहा है
कितना छद्म है यह मिलन
जैसे कि
समंदर के दो किनारो का मिलन
दो विपरीत विचारधाराओं का मिलन
मगर हाँ
आसमाँ का ज़मीं से मिलन
सुखद भी है और
दूर से दीखता भी है
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