Friday 12 December 2014

चंद शेर

1.

एहसास-ए-सुखन हर किसी को मुमकिन नहीं होता
हरेक मोहब्बत आबाद रहे ऐसा यक़ीनन नहीं होता

2.

मुझसे बिछड़ने के बाद ख़ुदा करे तुम रहो आबाद
हर ओर तुम्हारी ही चर्चा हो और तू रहे ज़िंदाबाद

3.

कट-कट के जिस्म गिर रहा है तेरे इंतज़ार में
लोग मुझपर अब तो थूक रहें हैं भरे बाज़ार में

4.

तमाम उम्र गुज़ार दी मैंने औरों के ग़मगुसार में
ख्वाईश अब रह ही गई उतरने का जाँ-ए-यार में







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